Real freedom
so many days ,or years we can say
nation has moved on road long and long
never ending,still not tired
searching searching something
for its countries beloved people
the reddish orange love in each heart
white calmness in the days of war
the greenery every were which can spread
the central chakra to move faster
so nation can go high and high up
towards the real freedom
which it had dreamt for itself
still waiting for that moment..
blindly travelling for that way.....
Wednesday, April 9, 2008
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10 comments:
आपके ब्लॉग पर आना अच्छा लगा ! बहुत अच्छी कविताऎं लिखीं हैं आपने !
poetry with true poetic values,made me feel like real free.keep going.all d best
बहुत बढ़िया भाव..
आज़ादी के सही माने तलाशती हुई
वास्तविक आज़ादी की संभावित ज़मीन का
ठौर-ठिकाना भी सुझा रही है
आपकी यह सधी हुई रचना.
बधाई.
आपके हिन्दी ब्लॉग में
पंक्तियाँ ओवरलॅप क्यों हो रहीं हैं ?
ठीक कीजिए न !
lovely poem with essence of truth...
महक जी,
आपने मेरे’नया-घर’पर आकर अपनी जो मह्क बिखेरी,उससे अभी-भूत हो अपने आपको रोक न सका.आपके ब्लाग पर आकर ऎसा लगा,जॆसे मॆं धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले,कश्मीर की वादियों में विचरण कर रहा हूं.’वास्तविक आजादी’ के भाव को सजोये कविता भी अच्छी लगी.यदि आप हिन्दी में भी कुछ लिखें,तो हम जॆसॊं को समझने में भी कुछ ज्यादा सुविधा होगी.
beautifull poems.
बहुत सुंदर रचना बहुत उम्दा है आभार
सुन्दर रचना, सुन्दर अभिव्यक्ति।
bahut baria likha hai cong.
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